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लेखनी प्रतियोगिता -24-Jan-2022 जताया न कर

हां नज़रों से दूर हूँ तेरी
पर ये बताया न कर!!
मिल नही सकते हम कभी
पर ये जताया न कर!!
तू किसी और का है
हां है ये सच मगर!!
सच गर ये है भी तो
मुझे जताया न कर!!
हो चुकी है अब तो
बेपनाह मुहब्बत तुझसे!!
तुझे न भी हुई तो न सही
पर ये बताया न कर!!
ग़लतफ़हमी में ही मेरी
तू तो खुश हो जाया कर!!
जानते हैं हम ये बड़ा नाज़ुक रिश्ता है
तो बस कर लेने दे मुझे मन कि
मुझे यूँ सताया न कर!!

Unity shrivastava,एकता✍️


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13 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

13-Feb-2022 09:31 AM

Bahut sundar

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Sudhanshu pabdey

25-Jan-2022 12:21 PM

Nice

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Shrishti pandey

25-Jan-2022 08:39 AM

Nice

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